Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF Free Download, जय मां चंद्रघंटा सुख धाम, पूर्ण कीजो मेरे काम, मां चंद्रघंटा की पूजा से बढ़ता है साहस, जानें आरती और कथा.
Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF
जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम।पूर्ण कीजो मेरे काम॥
चन्द्र समाज तू शीतल दाती।चन्द्र तेज किरणों में समाती॥
मन की मालक मन भाती हो।चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥
सुन्दर भाव को लाने वाली।हर संकट में बचाने वाली॥
हर बुधवार को तुझे ध्याये।श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।सन्मुख घी की ज्योत जलाएं॥
शीश झुका कहे मन की बाता।पूर्ण आस करो जगत दाता॥
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।कर्नाटिका में मान तुम्हारा॥
नाम तेरा रटू महारानी।भक्त की रक्षा करो भवानी॥
माँ चंद्रघंटा बीज मंत्र / Maa Chandraghanta Beej Mantra
या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
चंद्रघंटा माता का श्लोक / Maa Chandraghanta Shloka
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता |
प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||
माँ चंद्रघंटा पूजा विधि / Chandraghanta Mata Puja Vidhi
- सर्वप्रथम प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करने के पश्चात पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें।
- अब मां चंद्रघंटा माता का ध्यान करें और उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।
- अब माता रानी को अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि चीजें अर्पित करें।
- इसके बाद मां को प्रसाद के रूप में फल और मिष्ठान अर्पित करें।
- अब मां चंद्रघंटा की आरती करें।
- अंत में देवी माँ से आशीर्वाद ग्रहण करें।
अभी नवरात्रि का तीसरा दिन है। इस दिन सिंह पर विराजमान और युद्ध मुद्रा में विराजमान मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप में उनकी भक्ति करने का विधान है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव से विवाह के समय अपने मस्तक पर आधा चाँद लगाना शुरू किया था, और तब से उनका नाम चंद्रघंटा रखा गया। राक्षसों के विनाश के लिए उन्होंने यह रूप धारण किया था। उनकी पूजा करने से आपको खुशी, धन, वैभव और एक अच्छी शादी की प्राप्ति होगी।
इस दिन नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करने से मां चंद्रघंटा प्रसन्न होती हैं। अनुष्ठान को बंद करने के लिए मां चंद्रघंटा आरती करें। वे आपके अनुरोधों को पूरा करेंगे।
मां चंद्रघण्टा की पूजा का महत्व
इनके आशीर्वाद से ऐश्वर्य और समृद्धि के साथ सुखी दाम्पत्य जीवन प्राप्त होता है। इनकी पूजा से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं। मां चंद्रघंण्टा परिवार की रक्षक हैं। इनका संबंध शुक्र से है। यदि आपकी कुंडली में शुक्र दोष हो तो आप मां चंद्रघण्टा की पूजा करें, इससे सभी दोष दूर हो जाएंगे।
आज क्या करें
मां चंद्रघण्टा को पूजा के समय दूध से बने मिष्ठान या फिर दूध से बने पकवान का भोग लगाएं। फिर उसे ही प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो चुका है। आज नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। मां चंद्रघंटा का स्वरूप परम शान्तिदायक और कल्याणकारी है। मां चंद्रघटा अपने शांत और सौम्य स्वरूप के लिए जानी जाती है। इनके गले में सफेद माला शोभा देती है। माता रानी का ये स्वरूप बाघ की सवारी करता है। ऐसी मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी भक्त माता रानी के तीसरे रूप यानी मां चंद्रघंटा की विधि-विधान से पूजा आराधना करता है, उसे माता की कृपा प्राप्त होती है। पूजा के साथ मां चंद्रघंटा की आरती करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। यहां मां चंद्रघंटा की आरती दी जा रही है.